दुधारू पशुओ के लिए सरकार की बीमा योजना, 400 करोड़ किये जायेंगे खर्च

पशुओ का बीमा करवाने के लिए क्या क्या दस्तावेज जरुरी
राजस्थान राज्य सरकार द्वारा संचालित इस स्कीम में बीमा की सुविधा का लाभ लेने के लिए पशुपालक के पास जन आधार कार्ड, फोटो, पशु की फोटो, पशुओ के लिए टैग्स नंबर सहित अन्य दस्तावेज जो की इस योजना के लिए जरुरी है, वो साथ रखने होंगे ताकि ऑनलाइन आवेदन के लिए जरूरत पर आसानी से उपलब्ध हो सकते। ये स्कीम केवल राजस्थान राज्य के पशुपालको के लिए है। किसी भी CSC या भामाशाह केन्द्रो की मदद से इस स्कीम के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सकता है। 22 जनवरी यानि की आज इसकी अंतिम तिथि है।
इस योजना के तहत पशुओ में प्राकृतिक रूप से होने वाले रोग के चलते नुकसान, आगजनी, बारिश या अन्य प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं के चलते पशुओ की मौत होने के चलते होने वाले नुकसान के लिए क्लेम राशि का प्रावधान है। हालाँकि इसके लिए कुछ नियम भी है जिनकी जानकारी निचे दी गई है।
कब देनी होगी जानकारी
यदि पशुओ का इस योजना के तहत बीमा किया हुआ है और पशु की मौत हो जाती है तो बीमा विभाग को इसकी जानकारी देनी होगी। और इस योजना के तहत 21 दिन के वर्किंग डे में पशुपालक को नुकसान भरपाई के लिए क्लेम राशि का भुगतान किया जाता है। इसके साथ ही पशु में मौत पर बीमा प्रतिनिधि की मौजूदगी में पशु की जाँच एवं पोस्टमार्टम सम्बंधित कार्य पूर्ण किये जाते है। लेकिन एक बात ध्यान रखे की यदि आपने बीमा करवाया है पशु का और पशु को आपने किसी को दे दिया है या बेच दिया है तो उस कंडीशन में अगर पशु की मौत होती है तो बीमा पालिसी लागु नहीं होती है। पशु की मौत के तुरंत बाद बीमा विभाग को इसकी जानकारी देनी होती है।
400 करोड़ होंगे खर्च
इस योजना के तहत सरकार प्रदेश में 400 करोड़ की राशि खर्च करेगी, जो की योजना का बजट तय हुआ है। इस स्कीम में 5 - 5 लाख दुधारू पशु जैसे की गाय, भैंस , 5 - 5 लाख भेड़ बकरी, 1 लाख ऊंट का बीमा शामिल है इसमें 40000 रु गाय, भैंस, ऊंट के लिए एवं 4000 रु भेड़ , बकरी आदि के लिए बीमा क्लेम राशि है लेकिन डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर क्लेम राशि निर्भर करेगा