भीषण गर्मियों में भी पशुओं को मिलेगा हरा चारा, दूध की बहेगी गंगा, फरवरी में बुवाई करो ये ख़ास चारा

किसान भाइयों को गर्मी के मौसम में अपने पशुओं के लिए हरे चारे का प्रबंध करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मियों में गाय भैंस का दूध घटने की सबसे बड़ी वजह हारा चारा उपलब्ध ना होना भी है और अगर आप फरवरी महीने में ही पूरी पलानिंग के साथ में चलते है तो आप इस समाया से छुटकारा पा सकते है और अपने पशुओं को पूरी गर्मियों में हरा चारा खिला सकते है।
गर्मियों में दो या तीन महीने ऐसे होते है जब पशुओं को हरे चारे की समस्या के चलते दूध में भारी कमी देखने को मिलती है और इससे किसानों को काफी नुकसान का सामना भी करना पड़ता है। आप फरवरी या फिर मार्च की शुरआत में अगर तीन प्रकार के चारे की बुवाई कर देते है तो आगे चलकर जब मई जून के महीने में गर्मी पड़ेगी तब आसानी से हरे चारे की इंतजाम कर सकते है। चलिए आज के इस आर्टिकल में जानते है की कौन कौन से चारे की बुवाई आपको करनी चाहिए।
गर्मियों में हरा चारा कम होने के कारण
मार्च से लेकर के जून महीने तक किसानों को हरे चारे की भारी कमी रहती है और उसकी वजह है तेज गर्मी का गिरना। पुरे उत्तर भारत के साथ साथ में मध्य भारत में भी काफी तेज गर्मी इन महीनों में गिरती है और गर्मी के चलते हरा चारा खेतों में नहीं मिल पाता है। हरा चारा खत्म होने के कारण से किसानों के पशु दूध भी कम देने लगते है। अगर किसान अपने पशुओं को हरा चारा अप्रैल से लेकर के जून महीने टकाक खिलाना चाहते है तो उनको अभी से इसकी तैयारी करनी होगी ताकि आने वाले गर्मियों के महीनों में अपने पशुओं को आसानी से हरा चारा खुलवाया जा सके।
फरवरी, मार्च महीने में इन चारे की करें बुवाई
अपने पशुओं के लिए हरा चारा अप्रैल से लेकर के जून महीने में प्रबंध करने के लिए आपको मार्च की शुरुआत में ही हरे चारे की बुवाई करनी होगी ताकि आगे चलकर आपको हरे चारे की कमी ना हो। इसके लिए आपको मार्च के महीने में ही अपने खेतों में ज्वार, बाजरा, लोबिया और मक्का की बुवाई करनी होगी। आप इनकी बुवाई फरवरी के आखिर में या फिर मार्च की शुरुआत में करेंगे तो आपके पशुओं को आगे चलकर मई और जून के महीने के हरा चारा आसानी के साथ में मिलने लगेगा।
हरा चारा खुलने के बहुत फायदे है
पशुओं को गर्मियों के महीने में अगर हरा चारा मिल जाता है तो ये पशुओं की सेहत के लिए भी काफी अच्छा होता है तो साथ में पशुओं की दूध देने की छमता भी बनी रहती है। किसानों को आसानी से तीन महीने तक अपने पशुओं के लिए हरा चारा मिलता रहता है। पशुओं को गर्मियों में अगर हरा चारा मिलता है तो उनकी पाचन क्रिया अच्छे से पूरी होती है। गरिमियों के महीनों में पशुओं को हरा चारा खुलते समय उस चार एमए अगर आप थोड़ी दी दलिया या काकड़े की चाट भी मिला देते है तो फिर आपका पशुओं काफी अधिक दूध देता है और आपको इससे अधिक कमाई भी होती है। दूध की क्वालिटी भी काफी अच्छी होती है।
कमाई भी होगी हरे चारे से
आप अपने इलाके में देखते होंगे की हरे चारे की सब जगह पर भारी किल्लत होती है। ऐसे में अगर आप अधिक मात्रा में हरा चारा अपने खेतों में बुवाई करते है तो आप इसको बेचकर काफी अधिक कमाई भी कर सकते है। लोगो वैसे अपने खेतों में हरा चारा बुवाई करते है और फिर गर्मियों के महीनों में उसको बढ़ देते है जिससे उनको तीन महीने के दौरान ही काफी अधिक कमाई हो जाती है। आप भी अगर कमाई करना चाहते है तो आपको अपने 1 एकड़ खेत में पुरे में ही हरा चारा बुवाई कर देना चाहिए ताकि आप अपने पशुओं को खिलाने के साथ साथ में इसको बेचकर पैसे की कमाई भी कर सकें।