मसाले और फल की खेती करने पर सरकार दे रही भारी सब्सिडी, अभी करें अप्लाई

राजस्थान में किसान अब बागवानी और मसाले की खेती करेंगे। इसके लिए किसानों को राजस्थान राज्य सरकार की ओर से भारी सब्सिडी दी जा रही है। और इसकी खास बात यह है कि सब्सिडी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने करोड़ों रुपए की राशि की मंजूरी कर दी है, जिससे राजस्थान राज्य के किसानों को फल और मसाले की खेती करने पर सरकार की ओर से भारी सब्सिडी दी जाएगी। अगर आप भी राजस्थान राज्य के किसान हैं और फल एवं मसाले की खेती करते हैं तो सरकार की ओर से आपको 40% तक की सब्सिडी दी जाएगी। यदि आप भी किसान हैं और सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं तो उसके लिए आपको राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर अप्लाई करना होगा।
राजस्थान सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन और कृषि विकास योजना के तहत किसानों को भारी सब्सिडी दे रही है। दरअसल, राज्य सरकार का मानना है कि प्रदेश में किसान सरसों और मक्का जैसी पारंपरिक फसलों की खेती से अच्छी कमाई नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते अब सरकार द्वारा किसानों को आधुनिक विधि से बागवानी और मसाले की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे किसानों को सरकार की ओर से भारी सब्सिडी भी दी जाएगी और इनकी खेती करने से किसानों की इनकम में भी बढ़ोतरी होगी। यही वजह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बागवानी और मसाले के रकबे में विस्तार लाने के लिए 23.79 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
क्यों दी जा रही है फलों और मसालों की खेती पर सब्सिडी
राजस्थान में ज्यादातर किसान गेहूं और बाजरा की खेती करते हैं, लेकिन राजस्थान सरकार अब किसानों को फल और मसाले की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है क्योंकि इनकी मांग बाजार में तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा, राजस्थान की जलवायु अनार, बेर, आंवला, अमरूद और मसालों जैसे जीरा, धनिया, सौंफ और मेथी की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है। राजस्थान राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी देने का मुख्य उद्देश्य किसानों की इनकम में बढ़ोतरी करना है, क्योंकि फल और मसाले की डिमांड काफी ज्यादा है।
7609 हेक्टेयर में फल के बगीचे विकसित करने का प्लान बनाया है
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सरकार ने साल 2023-24 में 7609 हेक्टेयर में फल के बगीचे विकसित करने का प्लान बनाया है। इसके चलते सरकार किसानों को भारी सब्सिडी दे रही है। सब्सिडी के रूप में सरकार द्वारा 22.40 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा, वहीं मसाले के लिए क्षेत्रफल विस्तार पर अनुदान राशि के रूप में 1.39 करोड़ रुपये खर्च निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, सीएम गहलोत द्वारा मंजूर किए गए 23.79 करोड़ रुपये में से 17.24 करोड़ रुपये की राशि राजस्थान कृषक कल्याण कोष में से दी जाएगी, वहीं 6.55 करोड़ रुपये राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से खर्च किए जाएंगे।
किसानों को 40 प्रतिशत सब्सिडी राशि दी जाएगी
किसानों के लिए सबसे खास बात यह है कि राजस्थान में सरकार पहले मसाले की खेती पर सब्सिडी दे रही थी, लेकिन अब किसानों को आधुनिक विधि से मसाले की खेती करने के लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इस योजना के तहत अधिकतम 1 हेक्टेयर और कम से कम 0.50 हेक्टेयर में मसालों की खेती करने वाले किसानों को ही इस सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। किसानों को लगभग 40% सब्सिडी दी जाएगी, यानी कि उन्हें प्रति हेक्टेयर 5500 रुपये अनुदान के रूप में मिलेंगे।
अप्लाई करते समय इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
अगर आप भी एक किसान हैं और फल एवं मसाले की खेती करके भारी सब्सिडी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र या राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर अप्लाई करना होगा। अप्लाई करते समय किसान के पास खुद की खेत की जमाबंदी, आधार कार्ड, खेती योग्य जमीन, इलेक्ट्रिसिटी बिल, बैंक पासबुक की फोटोकॉपी और स्थानीय आवासीय प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।