मसूर दाल की कीमतों में गिरावट की आशंका, आयात पर शुल्क लगाने पर हो रहा विचार, जाने क्या असर पड़ेगा आम जनता पर

केंद्र सरकार ने दालों के घरेलू स्टॉक को बढ़ाने के लिए मसूर दाल समेत कई दालों के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया था। लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि सरकार 31 मार्च 2025 से पहले इस पर शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। इसका उद्देश्य किसानों को नई आवक के कारण होने वाली कीमतों में गिरावट से बचाना है।
मसूर दाल के आयात पर शुल्क लगाने की योजना
रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने मसूर दाल के आयात को शुल्क मुक्त रखा था ताकि घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ सके। लेकिन अब सरकार इस पर आयात शुल्क लगाने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने अंतर-मंत्रालयी पैनल से मसूर पर शुल्क लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद अगले हफ्ते नोटिफिकेशन जारी करने की योजना बनाई है।
सरकार का यह कदम किसानों की सुरक्षा के लिए है ताकि नई फसल के आने से पहले कीमतों में गिरावट न हो और किसानों को उचित मूल्य मिल सके।
नई फसल से गिर सकते हैं मसूर के दाम
नई फसल के आगमन से मसूर की कीमतों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है। बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए भी यह कदम महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि बिहार में मसूर के बड़े उत्पादक किसान हैं। सरकार का उद्देश्य नई आवक से मसूर के दामों में गिरावट को रोकना है ताकि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल सके।
मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
केंद्र सरकार ने 2024-25 के लिए मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 6,700 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इससे पहले यह 6,425 रुपये था। आयातित मसूर की कीमतें घरेलू दामों से कम हैं, जो बाजार में अनियंत्रित गिरावट का कारण बन सकती हैं।
2021 से पहले का आयात शुल्क
2021 से पहले, सरकार ने अमेरिका से मसूर के आयात पर 30 प्रतिशत और अन्य देशों से आयात पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया था। बाद में, अमेरिका से आयात शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत किया गया और अन्य देशों से आयात को शुल्क मुक्त कर दिया गया। 2023 में, सरकार ने अमेरिका से भी मसूर के आयात पर जवाबी सीमा शुल्क हटा दिया था।
सरकार की योजना
सरकार अब मसूर की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए आयात शुल्क लगाने का विचार कर रही है, ताकि बाजार में दामों का संतुलन बना रहे और किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। इस निर्णय से घरेलू किसानों को राहत मिलेगी और बाजार में असंतुलन से बचा जा सकेगा।
केंद्र सरकार मसूर दाल के आयात पर शुल्क लगाने का विचार कर रही है, ताकि कीमतों में गिरावट से बचा जा सके और किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल सके। यह कदम आगामी महीनों में लागू हो सकता है, और इसके प्रभाव से मसूर के दामों में संतुलन आएगा, जिससे किसानों को राहत मिलेगी।