देश की मंडियों में कपास के भाव में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। किसानो को फ़िलहाल कपास के ठीक ठाक दाम मिल रहे है। लेकिन कुछ सालो पहले जो कपास के भाव मिले थे वो इस बार और पिछली साल भी नहीं मिले है। वही पर कपास मंडियों में कपास की आवक भी लगभग स्थिर चल रही है। आज गुजरात की मंडियों में कपास की आवक 5709.96 टन रही है, जबकि मध्य प्रदेश राज्य में कपास की आवक 869.96 टन रही है। राजस्थान राज्य में कपास की आवक मंडियों में 624.60 टन के करीब रही है। तेलगाना में 98.40 टन, महाराष्ट्र में कपास मंडियों में आवक आज 94.90 टन के करीब रही है। कपास के लिए MSP रेट मध्य रेशे के लिए 7121 रु एवं लम्बे रेशे वाली कपास के लिए MSP रेट 7521 रु फ़िलहाल लागु है लेकिन कुछ मंडियों में कपास के भाव फ़िलहाल MSP रेट से भी ऊपर मिल रहे है। इस साल कपास का उत्पादन कम होने का अनुमान है, लगभग इस साल 25.96 लाख गांठ उत्पादन कम हो सकता है। 2023–24 में कपास का उत्पादन 325.22 लाख गांठ हुआ था और इस साल इसमें गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में कपास की कीमत किसानो को अच्छी मिल सकती है। फ़िलहाल देश की कुछ मंडियों में कपास की कीमत MSP से ऊपर चल रही है। आइये जानते है आज मंडियों में कपास की कीमत क्या रही है ...
देश की प्रमुख मंडियों में कपास के औसत भाव
किसानो को फ़िलहाल ठीकठाक भाव कपास के मिल रहे है। पिछले दो से तीन दिनों के दौरान कपास के भाव में हल्की तेजी जरूर नजर आई है। आदिलाबाद मंडी में Unginned कपास के औसत भाव 7110 रु प्रति क्विंटल रहे है। जबकि खरगोन की बड़वाह मंडी में कपास Unginned 6940 रु के औसत भाव पर बिक रही है। बगसरा अमरेली मंडी में कपास का औसत भाव 6930 रु प्रति क्विंटल के हिसाब से चल रहा है। आपको बता दे की ये औसत भाव है। यानि की औसतन कपास के भाव मंडियों में किसानो को जो मिलते है।
आज खरगोन मंडी में कपास Unginned का भाव 6850 रु , निजर मंडी सूरत में कपास 7125 रु , झाबुआ के पेटलावद मंडी में कपास लम्बे रेशे के साथ 8257 रु प्रति क्विंटल की दर से बिक रही है। झाबुआ के पेटलावद मंडी में मध्य रेशे वाली कपास के दाम 7646 रु , राजकोट मंडी में नरमा BT का रेट 7225 रु प्रति क्विंटल का रहा है। थांदला मंडी में लबे रेशे वाली कपास के भाव 8120 रु , गंगानगर की सूरतगढ़ मंडी में कपास अमरीकन का भाव 7500 रु , सैलाना मंडी में Ginned कपास का भाव 8100 रु , Unginned का भाव 6785 रु का भाव रहा है। जोबट मंडी में मध्य रेशे वाली कपास का भाव 6900 रु , Unginned कॉटन का भाव 7000 रु का रहा है।

देश में साल 2025 से 2026 के लिए सरसो का MSP मूल्य 5950 रु तय हुआ है, लेकिन मंडियों में सरसो की कीमत अभी भी MSP रेट से निचे ही चल रही है। मार्च महीने से सरसो की खरीद का काम शुरू होने जा रहा है। हरियाण

देश के अलग अलग राज्यों में सरसो की सरकारी खरीद शुरू होने में कुछ ही दिन शेष है। वही पर हरियाणा राज्य के किसानो के लिए सरकार ने 5950 रु सरसो के MSP मूल्य पर 15 मार्च से खरीद का कार्य शुरू होने जा रहा

देश में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अलग अलग राज्यों में बारिश एवं बर्फबारी की गतिविधिया शुरू हो चुकी है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में भी मौसम में बदलाव आगामी 24

गन्ना किसानो के लिए हाल ही में दो नई वैरायटी आई है। जिनमे बेहतर रोग प्रतिरोधी क्षमता के साथ साथ अधिक उत्पादन देने की क्षमता है। उत्तर प्रदेश राज्य में गन्ने की दो नई किस्मे विकसित की गई है। इनका नाम

गेहू मंडियों में अभी भी दाम MSP से ऊपर चल रहा है। रेवा बैकुंठपुर मंण्डी में गेहू मिल गुणवत्ता की औसत कीमत 2750 रु प्रति क्विंटल चल रही है। जबकि बिजावर मंडी गेहू 2600 रु प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा

पीएम किसान योजना के तहत देश में करोड़ो किसानो को पीएम मोदी जी ने भागलपुर बिहार से 19 वी क़िस्त की राशि जारी कर दी है लेकिन बहुत से किसान ऐसे है जिनके खाते में 2000 रु की राशि प्राप्त नहीं हुई है। इसके

देश के अलग अलग हिस्सों में आगामी दो से तीन दिनों के दौरान मौसम में बदलाव होने जा रहा है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ प्रभाव के कारण भारी बारिश हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, बाल्टिस्तान, गिलगित, लद्दाख क्षे

नए गेहू की आवक धीरे धीरे शुरू हो रही है। लेकिन गेहू की कीमते निचे आने का नाम नहीं ले रही है। अभी भी देश में अलग अलग मंडियों में गेहू MSP से ऊपर बिक रहा है। केंद्र द्वारा भी गेहू की कीमतों में कटौती क

सरसो मंडियों में सरसो की नई आवक शुरू हो चुकी है। धीरे धीरे आवक में बढ़ोतरी होने से भावो में भी हलचल नजर आने लगी है। पिछले कई महीनो से सरसो के दाम स्थिर चल रहे थे, हल्की तेजी मंदी सरसो की कीमत में नजर

Aaj Ka Gehu Ka Bhav: पुरे देश में अब गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है तो मंडियों में नये गेहूं की आवक कुछ राज्यों में शुरू हो चुकी है। उत्तर भारत के कुछ राज्यों में अभी नये गेहूं की आवक शुरू नहीं हुई है

सरसों की फसल मार्किट में आने लगी है और ऐसे में अब किसानों को इन्तजार है की उनको भाव काफी अधिक मिले ताकि उनकी मेहनत का फल उनको मिल सके। देश के अलग अलग राज्यों की मंडियों में सरसों के भाव में अंतर देखन

किसान भाइयों को गर्मी के मौसम में अपने पशुओं के लिए हरे चारे का प्रबंध करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मियों में गाय भैंस का दूध घटने की सबसे बड़ी वजह हारा चारा उपलब्ध ना होना भी है और

पशुपालक भाई अगर अपने पशुओं के दूध को बढ़ाना चाहते है तो उनको रबर की मैट का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए क्योंकि इससे पशुओं को काफी आराम मिलता है और दूध में भी काफी बढ़ौतरी होती है। गावं देहात में तो फिर भी

भारत में गायों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। न केवल उनके दूध और घी के लिए, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी गाय का बहुत महत्व है। देश में विभिन्न प्रकार की गायों की नस्लें पाई जाती हैं,

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राजस्थान में किसान अब बागवानी और मसाले की खेती करेंगे। इसके लिए किसानों को राजस्थान राज्य सरकार की ओर से भारी सब्सिडी दी जा रही है। और इसकी खास बात यह है कि सब्सिडी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की स

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